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“साईं की मूर्ति कुएं में फेंको” – उज्जैन में महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी का विवादास्पद बयान, महाकाल मंदिर को अखाड़ों को सौंपने की मांग भी उठाई!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन के पंचकोशी मार्ग स्थित एक होटल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी ने एक बार फिर धार्मिक और सामाजिक हलकों में उबाल ला देने वाला बयान दे डाला। कथा के मंच से उन्होंने साईं बाबा की मूर्ति और तस्वीरों को लेकर कहा – “अगर घर में साईं की मूर्ति है, तो कुएं में फेंक दो। फोटो है, तो आग लगा दो। 84 करोड़ देवी-देवताओं को छोड़कर एक मुस्लिम की पूजा करेंगे तो हमारे धर्म का क्या होगा?”
यह बयान सामने आने के बाद श्रद्धालु वर्ग, सोशल मीडिया और धार्मिक संगठनों के बीच तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। यही नहीं, स्वामी प्रेमानंद पुरी ने यह भी कहा कि कई मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। “किसी पीर की पूजा क्यों करें?” – उन्होंने मंच से यह सवाल उठाकर सीधे-सीधे साईं भक्ति पर निशाना साधा।
स्वामी ने केवल इतना ही नहीं कहा, बल्कि उन्होंने मंदिरों की व्यवस्था, प्रशासनिक नियंत्रण और धार्मिक पहचान पर भी सवाल उठाए। उन्होंने तेलंगाना का उदाहरण देते हुए आरोप लगाया कि मंदिरों के दान से कसाईखाने और उनसे जुड़ी सड़कें बनाई जा रही हैं। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि मंदिरों में प्रवेश केवल उन्हीं को दिया जाए, जो ‘हिंदू कार्ड’ लेकर आएं — यानी कि मंदिरों में एक “हिंदू-ओनली” प्रवेश प्रणाली लागू की जाए।
महाकाल मंदिर का मुद्दा भी उठाया
अपने वक्तव्य में स्वामी प्रेमानंद पुरी ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि “पहले यह मंदिर अखाड़े के नियंत्रण में था, लेकिन सरकार ने उसे अपने अधीन ले लिया। अब समय आ गया है कि इसे दोबारा अखाड़ों को सौंपा जाए।” उन्होंने बताया कि इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी भेजा गया है, और देशभर के सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों को “मुक्त” करने का आंदोलन शुरू किया जाना चाहिए।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
स्वामी प्रेमानंद पुरी इससे पहले भी कई विवादास्पद बयान दे चुके हैं। 20 सितंबर 2024 को एक कथा के दौरान उन्होंने हिंदू महिलाओं से कम से कम चार संतानें पैदा करने की अपील की थी। उन्होंने चेताया था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो “भारत में कई पाकिस्तान बन जाएंगे”।
25 जुलाई 2024 को उन्होंने कहा था कि “उत्तरप्रदेश के 17 जिले अब हिंदू धर्म के नहीं रहे। हमारी माताएं सिर्फ फिगर मेंटेन करने में लगी हैं, जबकि असम जैसे राज्यों में आठ-आठ बच्चे हो रहे हैं।” उन्होंने यहां तक कहा कि “अगर 2 से ज्यादा बच्चे हो रहे हैं और आप नहीं संभाल सकते, तो हमें दे दो, हम पाल लेंगे।”
बयानों से मचा भूचाल
स्वामी प्रेमानंद पुरी के इन बयानों से न सिर्फ धार्मिक ध्रुवीकरण को हवा मिल रही है, बल्कि महाकाल मंदिर जैसी राष्ट्रीय स्तर की आस्था से जुड़े स्थलों की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। साईं बाबा को लेकर दिया गया बयान विशेष रूप से कई करोड़ भक्तों की भावना को ठेस पहुंचा सकता है, क्योंकि साईं को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता रहा है।